त्यौहारों की उमंग लाए जीवन में खुशियों के रंग🎊🎉
हर पल हो जीवन का आनंदित छाए खुशियों की बहार।
हर्ष उल्लास का संगम लेकर आता पर्व और त्यौहार।।
घर आंगन में खुशियां आए,पूरा जग कर ले श्रृंगार।
हो शुरू बधाई व्यवहार,जब आए पर्व त्यौहार।।
भारतीय संस्कृति की खास पहचान है यहां के पर्व और त्यौहार और हम बहुत खुशकिस्मत हैं कि हमारी जड़े भारत की पावन भूमि में समाहित हैं। प्राचीन काल से ही उत्सवों और त्यौहारों का भारतीय जनजीवन में विशेष स्थान है। मूलतः त्यौहारों का संबंध हमारे रिश्तों की संवेदनाओं से है क्योंकि यह एक ऐसा समय होता है जब परिवार के सभी सदस्य या यूं कहें कि पूरा समाज प्रेम में सराबोर होकर सिर्फ खुशियां बांटते हैं।
अगर हम विविधताओं की बात करें तो भारत के भौगोलिक रूप ही नहीं बल्कि यहां की संस्कृति में भी खूबसूरत और अनोखी विविधताएं देखी जा सकती हैं। यह विशेषता ही भारत को संपूर्ण विश्व में एक अलग पहचान दिलाती है।
हमारे देश में अनेक धर्म जाति और समुदाय को मानने वाले लोग रहते हैं। सबकी कुछ प्रमुख मान्यताएं मौजूद हैं लेकिन जब बात हमारे पर्व और त्यौहारों की आती है तो पूरा देश मिलकर उत्सव मनाता है। हिंदू धर्म को मानने वाले ऐसे भी कुछ लोग हैं जिनको अल्लाह में बहुत भरोसा है और वो रमदान के महीने में रोजे रखते हैं। मैं ऐसे मुसलमानों को भी जानती हूं जिनकी हिंदू धर्म में विशेष आस्था है और वो छठ जैसे पावन पर्व का व्रत भी रखते हैं।
आखिर क्यों जरुरी है त्यौहार मनाना
मनुष्य का पूरा जीवन उसके कर्तव्यों और दायित्वों को निभाने में बीत जाता है। हम चाहे उम्र के किसी भी पड़ाव में क्यों न हो हमें अपने कार्यों का निर्वाहन करना ही परता है। रोजमर्रा के जिंदगी की व्यस्तता के बीच ये त्योहार ही हैं जो हमारे जीवन में उत्साह भरते हैं।
* त्यौहारों के मौके पर परिवार जनों और रिश्तेदारों से मिलने का सु अवसर मिलता है। इससे रिश्तों की प्रगाढ़ता बढ़ती है और समय हंसी खुशी से बीतता है।
* आपसी मतभेद या किसी भी प्रकार का मनमुटाव को दूर करने में त्योहार एक अहम भूमिका निभाता है। यह एक ऐसा समय होता है जब शत्रु भी अगर हमारी तरफ मित्रता का हाथ बढ़ाया तो मना नहीं किया जा सकता।
* हमारे जीवन की नीरसता दूर होती है क्योंकि त्यौहारों के आने से पहले ही हम उसकी तैयारियों में जुट जाते हैं।
* पर्व त्यौहार पर अक्सर पूजा पाठ की परंपरा होती है इसी बहाने घर की साफ सफाई भी हो जाती है क्योंकि धार्मिक कार्यों में शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
* हर त्योहार की कुछ न कुछ विशेष व्यंजन या पकवान होती है जिसे बनाने की प्रथा सी चली आ रही है। अगर वर्ष के अन्य दिनों में हम ये पकवान न भी बनाए तो कम से कम त्यौहारों पे ऐसे स्वादिष्ट भोजन खाने को जरूर मिल जाते हैं।
* राष्ट्रीय पर्व जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या गांधी जयंती हो ,ये हमारे अंदर राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा देते हैं। साथ ही साथ बाल दिवस और शिक्षक दिवस जैसे उत्सव सभी धर्म संप्रदाय के लोग जब साथ मिलकर मनाते हैं तो इससे हमारी राष्ट्रीय एकता और भी मजबूत होती है।
इस पोस्ट के द्वारा मेरी पाठको से गुजारिश है कि अपने जीवन में खुशियों की जगह किसी और चीज़ को न दें। अपने परिवार और बच्चों को भी हमारे पर्व त्यौहारों की महत्वता समझाएं एवं हर्ष और उल्लास के साथ सभी पर्व मनाएं। एक और महत्वपूर्ण बात यह है की हमारे त्यौहार हमारी एकता के प्रतीक हैं न की किसी भेदभाव के। इसे केवल मान्यता नहीं बल्कि अपनी आस्था से जोड़ कर मनाएं।।🙏
जितने भी होते हैं त्यौहार
लाते हैं खुशियां अपार
हम सबको मिलते उपहार
हर्ष उल्लास उमंग और प्यार।।🤗
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